दिनेशपुर सहकारी समिति पर भाजपा का कब्जा

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दिनेशपुर,29सितम्बर। किसान सेवा सहकारी समिति में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से अपना कब्जा जमा लिया है। ग्यारहा में से आठ भाजपा और तीन कांग्रेस के डायरेक्टर विजयी हुए। जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगर में जुलूस निकाल कर ऽुशी का इजहार किया। रूद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल ने समिति में पहुंचकर विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी। शनिवार शाम को समिति के अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले जायेंगे। शुक्रवार को सुबह नौ बजे से मतदान शुरू होकर चार बजे तक चला। देर शाम मतगणना के बाद परिणाम घोषित हुए। दो सीटों पर निर्विरोध डयरेक्टर चुने जाने से नौ सीटों पर ही मतदान हुआ। जिसमें से आठ सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। नेतानगर सीट पर कांग्रेस समर्थित हरजीत सिंह ने मात्र तीन वोट से जीत हासिल की। दिनेशपुर नगर की मोतीपुर सीट पर 432 वोटों में से 333 लोगों ने मतदान किया। भाजपा के रोहित मण्डल को 206 व कांग्रेस के राकेश बाठला को 120 मत प्राप्त हुए। सात वोट निरसत पाये गये। नगर की दूसरी सीट पर भाजपा के मृत्युंजय सरकार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरंजन घरामी को 14 मतों से पराजित किया। मृत्युंजय को 201 व निरंजन घरामी को 187 वोट हासिल हुए। नौ मत निरस्त हुए। हरिदासपुर सीट पर सहाकरी समिति में लगातार दो बार अध्यक्ष रहे इन्द्रपाल सिंह को भाजपा के भोला हाल्दार ने करारी शिकस्त दी। भोला को 203 और इन्द्रपाल को मात्र सात वोट मिले। हालांकि इन्द्रपाल एक दिन पहले चुनाव मैदान से दूर हो गये थे। बुक्सौरा सीट पर भाजपा के कुलवंत सिंह को 168 और कांग्रेस के परमेश्वर को 131 वोट मिले। तीन वोट निरस्त हुए। जयनगर सीट पर भाजपा के जानपाल सिंह विजयी हुए। उन्हें 97 मत प्राप्त हुए। कांग्रेस के जगदम्बा को मात्र दो वोट मिले। जयनगर में भी कांग्रेस प्रत्याशी एक दिन पहले ही मैदान छोड़ चुका था। रायपुर सीट पर कांग्रेस की ओर से दो बार समिति में डायरेक्टर रहे करतार सिंह को भाजपा के मलकीत सिंह ने 15 वोटों से पराजित किया। मलकीत को 58 मत मिले। नेताजी नगर सीट पर कांटे के मुकाबले में कांग्रेस के हरजीत सिंह ने जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के असीम मण्डल को मात्र तीन वोट से हराया। हरजीत को 126 तो असीम को 123 वोट मिले। ऽटोला एससी एसटी सीट से भाजपा के हरि सिंह को 97 व कांग्रेस के गोपी सिंह को 52 वोट मिले। एक वोट निरस्त हुआ। महिला आरक्षित सीट चण्डीपुर से भाजपा की मनोरमा चौहान ने जीत दर्ज की। उन्हें 131 व कांग्रेस की ऊषा रानी को 72 वोट मिले। दो वोट निरस्त हुए। श्रीरामपुर से कांग्रेस के हराजा सिंह व विजयनगर से संगीता विश्वास पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे। जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजयी प्रत्याशियों का जोरदारस्वागत किया।विधायक राजकुमार ठुकराल ने समिति परिसर में पहुंचकर कार्यकर्ताओं को बधाई दी। बाद में कार्यकर्ताओं ने नगर में जुलूस निकाल कर ऽुशी मनायी। इस दौरान मण्डल अध्यक्ष हिमांशु सरकार, व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजेश नारंग, भोला शर्मा, अनादि रंजन मण्डल, प्रोजीत मण्डल, सुकुमार सरकार, गौर सरकार, सुकोमल मण्डल, प्रमोद बोरा, दिपांकर राय, दीदार सिंह, कदम सिंह, पूर्व चेयरमैन सीमा सरकार आदि लोग थे।

कांग्रेस के लिए गुटबाजी बनी घातक
दिनेशुपर। किसान सेवा सहाकरी समिति पर पिछले लम्बे समय से कांग्रेस का ही कब्जा था। पहली बार भाजपा का परचम लहराया है। कांग्रेस नेता सहकारिता की राजनीति में निपूर्ण माने जाते हैं। भाजपा का प्रदर्शन कभी भी अच्छा नहीं रहा। इस बार भी चुनाव से पहले कांग्रेस काफी हावी थी। कांग्रेस नेता इन्द्रपाल सिंह ने क्षेत्र विभाजन को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगायी थी। जिस कारण चुनाव लगभग दो माह विलंब से हुए। लेकिन मतदान से ठीक एक दिन पहले स्वयं इन्द्रपाल ही चुनाव मैदान से िऽसक लिये। जिससे कांग्रेस औंधे मुंह गिर गयी। जयनगर सीट पर भी कांग्रेस का प्रत्याशी जगदम्बा एक दिन पहले ही भूमिगत हो गये। चुनाव में हार की मुख्य वजह कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी ही है। गुटबाजी के चलते वरिष्ठ नेता निरंजन घरामी भी चुनाव हार गये। कांग्रेस के सिानीय नेता पूरे चुनाव के दौरान एकजुट नहीं हुए। पूर्व विधायक प्रेमानन्द महाजन ने भी ऽास भूमिका नहीं निभायी। कांग्रेस के शीर्ष नेता भी चुनाव में नहीं आये। श्रीरामपुर सीट पर कांग्रेस का एक गुट हराजा सिंह को चुनाव लड़ा रहा था तो दूसरा गुट हजारा सिंह को टिकट देने के िऽलाफ था। कमोवेश यही स्थिति हर सीट पर थी। हकीकत यह रही कि कांग्रेस को कई सीटों पर ठोस उम्मीदबार ही नहीं मिले। भाजपा ने जहां चुनाव प्रचार के नये तरीके इस्तेमाल किये, वहीं कांग्रेस नेता मतदाताओं के घर तक नहीं जा सके। कुल मिलाकर कांग्रेस की गुटबाजी पार्टी को ले डूबी और सहकारी समिति में कांग्रेस का किला ढह गया।

भाजपा ने पूरी ताकत से ल़डा चुनाव
दिनेशुपर, 29 सितम्बर। सहकारी समिति के चुनाव को भाजपा ने पूरी शिद्दत से लड़ा। प्रत्येक सीट पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने ऽुद डड्ढूटी संभाली। बड़े भाजपा नेता, मंत्री और विधायक तक ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। भाजपा की ठोस रणनीति और घेरेबंदी के आगे कांग्रेस प्रत्याशियों ने घुटने टेक दिये। भाजपा नेताओं ने कंग्रेस के दिग्गज इन्द्रपाल सिंह को एक दिन पहले ही चुनाव मैदान से दूर होने के लिए मजबूर किया। जयनगर सीट पर भी कांग्रेस का प्रत्याशी झाग डाल गया। समिति के परिणाम भाजपा के लिए ऊर्जा प्रदान करने वाला हैं। पहले से ही कमजोर और छिन्न भिन्न चल रही कांग्रेस को इससे गहरा आघात पहूंचा है। बता दें कि भाजपा मण्डल अध्यक्ष हिमांशु सरकार और वरिष्ठ भाजपा नेता अनादि रंजन मण्डल के नेतृत्व में सहकारी समिति का चुनाव लड़ा गया। चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी थी। संगठित होकर भाजपा के तमाम संगठन के कार्यकर्ता चुनाव में जुट गये थे। नामांकन के दिन पूर्व सांसद ने बड़ी सभा को संबोधित करके हर चुनाव को ऽास तरीके से लड़ने का आहवान किया था। श्री पासी नामांकन जुलूस और नामांकन में पूरे समय मुस्तेद रहे थे। इसके बाद शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने भी चुनाव को दिशा दी। रूद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल ने तो हरिदासपुर, बुक्सौरा व ऽटोला सीट पर जमकर मेहनत की। श्री ठुकराल विजयी जुलूस में भी शामिल हुए। जबकि कांग्रेस के नेता एकजुट होकर चुनाव मैदान में नहीं उतर पाये। भाजपा की
जीत के पीछे मण्डल अध्यक्ष हिमांशु सरकार की मेहनत भी महत्वपूर्ण है।

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