दिल के मरीजाें को नई जिंदगी दे रही डा-रश्मि

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रूद्रपुर। देश के प्रतिष्ठित और नम्बर वन इन्टर वेन्शन कार्डियो लोजिस्ट डाक्टर प्रवीण चन्द्रा के साथ प्रेक्टिस कर चुकी डा- रश्मी जेवियर अब अमृत अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही है जो रूद्रपुर ही नही आस-पास क्षेत्र के लिये एक गौरव की बात है। कभी एक समय था जब रूद्रपुर और उसके आस- पास के क्षेत्रें में इंटरवेंशन कार्डियो लोजिस्ट हुआ ही नही करते थे और हृदय की गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिये मरीजों और तीमारदारों को बरेली और दिल्ली जैसे बड़े शहरों के लिये भागना पड़ता था। रास्ते में जाम और जानकारी अभाव सहित कई कारणों के चलते अत्यधिक समय लग जाने के चलते कई मरीजों को तो समय से पहले ही अपनी जान गंवानी पड़ी। लेकिन अब जैसे-जैसे रूद्रपुर सहित कई क्षेत्रें में विकास की रफ्रतार बड़ी तो यहां चिकित्सा की आधुनिक सेवाएं मिलने लगी। इनमें इन्टरवेन्शन कार्डियो लोजिस्ट की सेवाए मुख्य है। रूद्रपुर स्थित अमृत अस्पताल में भी प्रतिष्ठित और अनुभवी इन्टर वेन्शल कार्डियो लोजिस्ट डा- रश्मी जेवियर अपनी सेवाए प्रदान कर रही है। डा- जेवियर का नाता कुमाऊं से नया नही बल्कि बहुत पुराना है । डा- जेवियर कुमाऊं की ही रहने वाली है और शेरवुड से शिक्षा ग्रहण कर चुकी है। इसके साथ ही डा- जेवियर का भीमताल के पास एक प्रतिष्ठित स्कूल भी है। देश के प्रतिष्ठित और नम्बर वन इन्टर वेन्शन कार्डियोलोजिस्ट डाक्टर प्रवीण चन्द्रा के साथ प्रेक्टिस कर चुकी डा- रश्मी जेवियर पूर्व में महाराष्ट्र के अमरावती स्थित मिशन अस्पताल में बतौर फिजिशियन 7 साल अपनी सेवाए भी दे चुकी है और उन्होंने लुधियाना स्थित सीएमसी से डीएम इन्टर वेन्शन कार्डियो लोजिस्ट किया हैं। डा- रश्मी जेवियर का मानना है कि यदि शुरू से ही मनुष्य अपने खान-पान का ध्यान रखे तो हृदय की बीमारियों से बचा जा सकता है। समय पर डा- रश्मी कहती है कि हृदय रोग का पता चलने पर उसका समय पर उपचार कराया जाये और उपयुत्तफ़ भोजन ऽाकर और साथ में सही लाइफ स्टाइल के साथ जिया जाये तो कभी परेशानी नही आती। डा- रश्मि बताती है कि आज कल लोग ब्लड प्रेशर और सीने और कंधे में उठने वाले दर्द को नजरअन्दाज कर देते है। सीने के दर्द को लोग गैस की वजह से दर्द समझ लेते है जो बाद में घातक सिद्ध होता है। डा- रश्मि का कहना है कि दिल का दौरा इसलिए पड़ता है कि दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमे वसा के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है। थक्के के कारण खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। खून नहीं मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यदि जल्दी ही खून का प्रवाह ठीक नहीं किया जाए तो दिल की मांसपेशियों की गति रूक जाती है। हार्ट अटैक से मरने वाले करीब एक तिहाई मरीजों को तो यह पता ही नहीं होता कि वे हृदय रोगी हैं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इसके लिए जिम्मेदार एक बड़ा कारण यह है कि पहले आए हार्ट अटैक को मरीज ने पहचाना ही न हो। ऐसा हार्ट अटैक, जिसके लक्षण अस्पष्ट हों या जिनका पता ही न चले, उसे साइलेंट हार्ट अटैक कहते हैं।इसलिये हार्ट अटैक का हल्का सा भी कोई लक्ष्ाण दिखे तो तुरन्त चिकित्सक के पास पहुंचना चाहिये।

साइलेंट हार्ट अटैक होता है खतरनाक
रूद्रपुर। हार्ट अटैक के मामलों में से 25 प्रतिशत साइलेंट हार्ट अटैक के होते हैं। साइलेंट हार्ट अटैक से मरीज की मौत हो सकती है। मरीज को जब साइलेंट हार्ट अटैक होता है और उसे पता भी नहीं चलता। साइलेंट हार्ट अटैक में अटैक के लक्षण दिखाई नहीं देना या मरीज द्वारा लक्षणों को नजर अंदाज कर देना या फिर इन्हें समझ ही न पाना साइलेंट हार्ट अटैक के कारण हैं। साइलेंट हार्ट अटैक ज्यादा घातक होते हैं। इसीलिए हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरुरी है। कोई भी लक्षण महसूस होने पर, चाहे वो हल्का ही क्यों न हो और कुछ ही समय के लिए ही क्यों ना हो, चिकित्सक को तुरंत दिखाना चाहिए।

जानिए हार्ट अटैक के लक्षण
रूद्रपुर। हार्ट अटैक के लक्षणों को लोग आमतौर पर नजरअन्दाज कर देते है। डा- रश्मि का कहना है कि यदि किसी को सामान्य से ज्यादा पसीना आना,सांस फूलना,छाती में दर्द होना,सीने में ऐंठन होना,हाथों,कंधों, कमर या जबड़े में दर्द होना,असामान्य रूप मितली आना या उल्टी आये तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उन्होंने बताया कि महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं जैसे त्वचा पर चिपचिपाहट, उनींदापन, सीने में जलन महसूस होना या असामान्य रूप से थकान होना प्रमुख हैं।

दिल को स्वस्थ्य रखने को करें यह कार्य
रूद्रपुर। डा- रश्मि का कहना है कि स्वस्थ्य रहने के लिये सभी को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिये। इसके साथ ही प्रतिदिन मनुष्य को साइकिलिंग, वॉकिंग और हो सके तो स्वीमिंग नियमित रूप से करनी चाहिये। डा- रश्मि कहती है कि आज कल समाज में घूम्रपान की समस्या गहराती जा रही है जो फेफडे़ और दिल के लिये काफी हानिकारक है। स्वस्थ्य रहने के लिये इसे पूरी तरह से बंद कर देना चाहिये। अपने खाने की चीजों में अधिक वसा का प्रयोग नही करना चाहिये और नमक का कम से कम प्रयोग करना चाहिये। अगर चाय पीने की आदत हो तो इसके लिये हर्बल या ग्रीन टी का प्रयोग कर सकते है जो शरीर के लिये लाभदायक हैं। प्रतिदिन कम से कम 7 घंटे की नींद ले। यदि किसी वजह से चिकित्सक ने पानी ज्यादा पीने के लिये मना नही कर रखा तो प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिये। यदि आप पहले से ही दिल की बिमारी से ग्रसित हैं तो आपको अपने चिकित्सक की राय से ही व्यायाम करना चाहिए।

हार्ट अटैक पर करे यह कार्य
रूद्रपुर। डा- जेवियर कहती है कि अगर किसी को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए तो पहला प्रयास यही होना चाहिये कि उसे तुरंत अस्पताल ले जाये। अगर यह तुरंत मुमकिन न हो पाए तो मरीज को हर दस सेकेंड में जोर से खांसने की कोशिश करनी चाहिए खांसने के दौरान मरीज के दिल पर दवाब पड़ता है और खून का प्रवाह दिल की ओर तेज हो जाता है। खांसने के बाद लम्बी और गहरी सांस लेनी चाहिए क्योंकि दिल की धड़कन बढ़ने और बेहोशी आने में केवल दस सेकेंड का वक्त लगता है। इस प्रकिया के द्वारा काफी राहत मिलती है।

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