सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि मामले पर उत्तराखंड आयुष विभाग पर एक लाख का जुर्माना

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देहरादून। पतंजलि मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पर उत्तराखंड आयुष विभाग को फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर हाल ही में भ्रामक विज्ञापन दिखाने पर डांट लगाई थी। जिसके बाद पंतजलि और बाबा रामदेव ने माफी भी मांगी थी। आज इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान उत्तराखंड आयुष विभाग को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। इसके साथ ही भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग की उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी पर भी जुर्माना लगाया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कहा कि पतंजलि और उसकी इकाई दिव्या फार्मेसी के 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को 15 अप्रैल को रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने कहा है कि अब आप नींद से जागे हैं।कोर्ट ने कहा कि इस से ये पता चलता है कि जब आप कुछ करना चाहते हो तो आप पूरी तेजी से करते हैं। लेकिन जब आप कुछ नहीं करना चाहते तो इसमें सालों लग जाते हैं। आपने तीन दिनों के भीतर में एक्शन लिया लेकिन आप बीते नौ महीनों से क्या कर रहे थे? अब आप नींद से जागे हो। सुप्रीम कोर्ट ने लाइसेंस ऑथॉरिटी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि वो केवल पोस्ट ऑफिस की तरह से काम कर रहे हैं। एससी ने ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के हलफनामे पर असंतुष्टि जताई। इसके बाद उन्होंने कहा कि इस तरह का ढीला-ढाला रवैया कतई भी ठीक नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम आपका हलफनामा स्वीकार करते हुए एक लाख रुपए का जुर्माना लगाते हैं।

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