धूमधाम से मनाया गया बैसाखी पर्व

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रूद्रपुर। बैसाखी पर्व आज प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर जहां धार्मिक स्थानों पर विशेष पूजा अर्चना की जा रही है वहीं सिख समाज द्वारा बैसाखी पर्व पर गुरूद्वारों में विशेष धार्मिक दीवान सजाकर संगत को गुरू के बताये आदर्शों से अवगत कराकर उन पर चलने का संदेश दिया जा रहा है। आज नगर एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के मंदिरों एवं गुरूद्वारों में बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं आदर्श कालोनी स्थित श्री गुरूद्वारा में आज बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गुरूद्वारे में विशेष धार्मिक दीवान सजाया गया जिसमें नगर एवं दूरदराज क्षेत्रों से आये रागी जत्थों कविशरों एवं कथावाचकों ने गुरू की महिमा का गुणगान किया। गुरूद्वारे में अटूट लंगर भी बरता गया। इससे पूर्व आज प्रातः गुरूद्वारे में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था जो श्री गुरूग्रंथ साहिब के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद ले रहे थे साथ ही सभी के लिए मंगल कामना कर रहे थे। गुरूद्वारा में सजाये गये विशेष धार्मिक दीवान में अमृतसर से आये हजूरी रागी दरबार साहिब भाई जगदीप सिंह, भाई शुभदीप सिंह दमदली टकसाल वाले कथावाचक कुलदीप सिंह, श्री गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर से आये कथा वाचक भाई जसपाल सिंह, मिशरपुर से आये ढाढी जत्था डा. ज्ञानी शमशेर सिंह, गुरूद्वारा आदर्श कालोनी के हजूरी कथावाचक भााई गुरभेज सिंह, हजूरी रागी भाई परमिंदर सिंह ने शबद कीर्तन व कथा के माध्यम से गुरू की महिमा का विस्तार से वर्णन कर बताया कि साहिब श्री गुरू गोविंद सिंह जी ने सन् 1699ई. में बैसाखी वाले दिन ही अमृत की पवित्र दात प्रदान करके खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि भारत के आम लोगों की आत्मा जो जुल्म और अन्याय के डर से बहुत कमजोर हो गयी थी ऐसेे मुश्किल समय में गुरू जी ने आम लोगों को संगठित किया और अमृत संचार के माध्यम से जनता के जीवन में नई लहर पैदा की। गुरूद्वारे में आज सायं भी धार्मिक दीवान सजाया जायेगा। दोपहर धार्मिक दीवान के पश्चात गुरू का अटूट लंगर बरता गया साथ ही गुरूद्वारा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मीठा जल व अन्य खाद्य पदार्थ भी प्रसाद के रूप में वितरित किये गये। इस मौके पर जगदीश सिंह, सतवीर सिंह, मगनदीप सिंह, राजिन्दर सिंह, बलविंदर सिंह, सुखवीर सिंह, सतनाम सिंह, हरजीत सिंह, अजीत सिंह, जगदीप सिंह, निशान सिंह, बलदेव सिंह, मलविंदर सिंह, सुखदयाल सिंह, दूल्हा सिंह, मनवीर सिंह, अमरीक सिंह, प्रीतम सिंह, संतोख सिंह, गुरदीप सिंह, अरविंदर कौर, इंद्रपाल कौर, महेंद्रजीत कौर, परमजीत कौर, तरणवीर कौर, सरोज देवी, हरविंदर कौर सहित भारी संख्या में संगत मौजूद थी।

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