नहीं रहे कवि और शिक्षक ‘पुष्पक’

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रुद्रपुर। दशकों तक जनता इंटर कालेज में वाणिज्य की शिक्षा देने वाले व उत्तराखण्ड के विख्यात कवि हरप्रसाद ‘पुष्पक’ का गत सायं अपने आवास पर निधन हो गया। उनके निधन का समाचार पाते ही शिक्षा जगत व साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। स्व- पुष्पक जनता इंटर कालेज में वाणिज्य के शिक्षक थे और कई दशकों तक उन्होंने जनता इंटर कालेज में अपनी सेवाएं दीं। कुछ वर्षों पूर्व वह शिक्षक पद से रिटायर हो गये थे लेकिन वह कलम के बहुत बड़े धनी थे और उनकी स्वरचित कवितायें आम जनमानस के हृदय को छू जाती थीं। स्व- पुष्पक ने अध्यापनकाल के दौरान अपनी पहली कविता लिखी थी जो ‘मेरे मन के मीत तुम छेड़ो कोई गीत वरना मधुर मिलन की बेला यूं ही रूठ जायेगी’ थी। तत्पश्चात श्री पुष्पक का कविताओं का दौर अनवरत चलता रहा। कई पत्र पत्रिकाओं में भी उनकी कविताएं प्रकाशित होती रहीं और कई काव्य मंचों पर भी उन्होंने अपनी कविताएं सुनायीं। पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय थे अपनी नवीनतम रचनाएं वह सोशल मीडिया पर साझा करते थे। उनकी रचनाओं को लेकर अनगिनत लोगाें की प्रतिक्रियाएं आती थीं और उनको सराहना मिलती थी। गत सायं वह आवास विकास स्थित अपने आवास पर थे तो अचानक उन्हें हृदयाघात हुआ और  उनका निधन हो गया। उनके निधन का समाचार पाते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। तमाम राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक, शिक्षा व साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने उनके आवास पहुंचकर शोक जताया।

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