चार सूत्रीय मांगों को लेकर बंगाली समाज फिर मुखर

बैठक में बनाई आंदोलन की रणनीति, मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भेजे ज्ञापन

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रूद्रपुर। चार सूत्रीय मांगों को लेकर बंगाली एकता मंच फिर मुखर होने लगा है। संगठन की बीते दिनों दिनेशपुर में आयोजित एक बैठक में बंगाली समाज से जुड़े अहम मुद्दों को लेकर व्यापक चर्चा की गयी और लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार हुई। बैठक में आंदोलन शुरू करने से पूर्व मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अजय भट्ट को बंगाली समाज की ओर से 1 हजार पत्र लिखने का निर्णय लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में देश के लिए बंगाली क्रांतिकारियों ने अपना खून दिया उस कुबानी के बदले सरकार ने हमारे जाति प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) लिखकर हमारे क्रांतिकारियों और बंगाली समुदाय का अपमान किया है। वक्ताओं ने कहा बंगाली समाज को उनका अधिकार मिलना चाहिए। पूर्वी पाकिस्तान (बंग्लादेश) के विस्थापित परिवारों की पीढ़ी को विस्थापन का दर्द आज भी सहना पड़ रहा है। वक्ताओं ने बैठक में कहा कि करीब आठ माह पूर्व भी बंगाली समाज ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजे थे लेकिन अभी तक इस मामले में सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बैठक में जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान (बांग्ला देश) शब्द हटाये जाने के साथ साथ भारत के सात राज्यों की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी बंगाली समाज को एससी का दर्जा दिये जाने, 23 जनवरी को नेताजी सुभाष जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने और उत्तराखण्ड के स्कूलों में बांग्ला भाषा की कक्षायें चलाने की पुरजोर मांग की गयी। बैठक में तय किया गया कि इन मांगों पर जल्द ही कोई निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन शुरू किया जायेगा। बैठक में इन मुद्दों को लेकर अलग अलग स्थानों से मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को एक हजार ज्ञापन प्रेषित करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक के बाद बंगाली एकता मंच के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने डाक के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किये। इस अवसर पर सुब्रत विश्वास, शिवम दास, प्रदीप मण्डल, अपूर्व विश्वास, कौशल विश्वास, आशीष मण्डल, धीरज विश्वास, अमित विश्वास, आशु मण्डल, रोहित गोलदार, विवेकानन्द मण्डल, सुलेखा मण्डल, नित्या
नन्द मण्डल, आदित्य मण्डल आदि थे।

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