मोदी सरकार को बड़ी राहत,अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला संवैधानिक: जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव के लिए कदम उठाए जाएं

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा: जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं,इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है
नई दिल्ली (उद ब्यूरो) । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है। इस फैसले ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं। इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है। बता दें 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं, सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 370 हटने के 4 साल, 4 महीने, 6 दिन बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि आर्टिकल 370 हटाने का हक राष्ट्रपति को है। आर्टिकल 370 हटाने का फैसला संवैधानिक तौर पर सही था। संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर पर लागू होते हैं। ये फैसला जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए था।अनुच्छेद 370 हटाने में कोई दुर्भावना नहीं थी। जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव के लिए कदम उठाए जाएं। 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव हों। जम्मू कश्मीर में जल्द राज्य का दर्जा बहाल हो। आर्टिकल 370 एक अस्थाई प्रावधान था। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लद्दाख को अलग करने का फैसला वैध था। फैसला सुनाते वक्त सीजेआई ने जम्मू-कश्मीर के संविधान में संप्रभुता का कोई जिक्र नहीं था। हालांकि, भारत के संविधान की प्रस्तावना में इसका उल्लेख मिलता है। भारतीय संविधान आने पर अनुच्छेद 370 जम्मू- कश्मीर पर लागू हुआ। सीजेआई ने कहा, अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के संघ के साथ संवैधानिक एकीकरण के लिए था और यह विघटन के लिए नहीं था, और राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त होने की अधिसूचना जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है। सीजेआई ने कहा, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की अधिसूचना देने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है। राष्ट्रपति द्वारा 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध है। सीजेआई ने कहा, जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं। इसकी उद्घोषणा के तहत राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिया गया हर निर्णय कानूनी चुनौती के अधीन नहीं हो सकता। इससे अराजकता फैल सकती है। सीजेआई ने कहा,हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। हम चुनाव आयोग को सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देते हैं।

आज का फैसला ऐतिहासिक,अदालत ने हमारी एकता के मूल के सार को मजबूत किया: पीएम मोदी
नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने खुशी जाहिर की है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘अनुच्छेद 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला ऐतिहासिक है। जिसमें भारतीय संसद द्वारा 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले की संवैधानिकता बरकरार रखी गई है। यह उम्मीदों, विकास और जम्मू कश्मीर, लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की एकता की गूंज है। अदालत ने हमारी एकता के मूल के सार को मजबूत किया है, जिसे हम भारतीय सबसे ऊपर रखते हैं।’ पीएम मोदी ने लिखा, मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख के जुझारू लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि आपके सपने पूरे करने का हमारा वादा पूरा करेंगे। हम इस बात के लिए समर्पित हैं कि तरक्की ना सिर्फ आप तक बल्कि समाज के हर उस पिछड़े तबके तक पहुंचे, जिन्हें अनुच्छेद 370 की वजह से काफी कुछ झेलना पड़ा। आज का फैसला सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है बल्कि यह आशा की किरण है। यह उज्जवल भविष्य का वादा है और हमारे उन एकजुट प्रयासों का सबूत है, जिनसे हम एक मजबूत और एकजुट भारत बनाएंगे। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। 5 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने एक दूरदर्शी फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया। उसके बाद से जम्मू कश्मीर में शांति लौटी है। विकास और तरक्की से घाटी में मानव जीवन को नए मायने मिले हैं, जो कि एक समय हिंसा से तहस-नहस हो गए थे। पर्यटन से समृ(ि और कृषि क्षेत्र से जुड़े जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आय बढ़ी है। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला पूरी तरह से संवैधानिक था।

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