सीएम धामी ने लिया संज्ञान: उत्तराखंड में सड़कों के किनारे अतिक्रमण हटाने के नाम पर नागरिकों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं

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देहरादून(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार का सख्त रुख है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रभावित स्थानीय लोगों में व्याप्त आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये भी साफ कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी का उत्पीड़न न किया जाए। सीएम धामी ने नागरिकों को होने वाली परेशानी का संज्ञान लिया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़कों के किनारे अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी भी नागरिक का उत्पीड़न नहीं करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि वन भूमि अथवा सरकारी भूमि पर लैंड जिहाद के नाम पर किए गए कब्जों के विरुद्ध कार्यवाही जारी रहेगी। सरकारी भूमि, विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे अतिक्रमण हटाने के लिए चल रही कार्यवाही के विरोध में इन दिनों में विपक्षी दल उग्र तेवर अपनाए हुए हैं। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे को सदन के भीतर उठाने की घोषणा कर चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने अतिक्रमण को लेकर मुखर होती आवाज को गंभीरता से लिया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान सरकारी कर्मचारी किसी भी नागरिक का उत्पीडन नहीं करेंगे। किसी भी वैध निर्माण में तोडफोड़ नहीं की जाएगी। सीएम धामी ने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी विभाग की अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही में नागरिकों का उत्पीड़न न होने पाए। साथ ही जब तक यह सुनिश्चित नहीं होता कि निर्माण सरकारी भूमि में है और अवैध निर्माण हटाना आवश्यक है, तब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने लैंड जिहाद को लेकर अपने सख्त रुख में नरमी के संकेत नहीं दिए हैं। उन्होंने दोहराया कि वन भूमि या सरकारी भूमि पर लैंड जिहाद के नाम पर किए गए कब्जों के विरुद्ध कार्यवाही पर रोक नहीं लगेगी। यह कार्यवाही जारी रहेगी।

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