मशरूम प्लांट में रैक गिरने से दो महिलाओं की मौत, चार घायल

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हरिद्वार। रुड़की के झबरेड़ा अंतर्गत कोटवाल आलमपुर गांव के पास स्थित मशरूम प्लांट की रैक टूटने से प्लांट में काम कर रहीं 6 महिलाएं दब गई। जिनमें दो महिलाओ की मौत हो गई है। जबकि कई घायल है, जिन्हें उपचार के लिए भिजवाया गया है। घटना सोमवार देर शाम की है। झबरेड़ा थाना क्षेत्र के कोटवाल गांव के पास मशरूम का प्लांट लगा हुआ है। इस प्लांट में अक्सर 25 से 30 महिलाएं काम करती हैं। सोमवार शाम को कई महिलाएं प्लांट में काम कर रही थी छह महिलाएं प्लांट के स्टोर में मशरूम रखवा रही थीं। इसी बीच अचानक लोहे की रैक टूटकर गिर गई। रैक के गिरते ही पूरे प्लांट में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची अन्य महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग एकत्र हो गए। उन्होंने रैक के नीचे दबी महिलाओं को निकालने का काम शुरू किया। जानकारी मिलते ही झबरेड़ा पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने लोगों की से रेस्क्यू शुरू किया। बमुश्किल छह घायल महिलाओं को बाहर निकाला गया और झबरेड़ा स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने 27 वर्षीय अमृता पत्नी नरोत्तम निवासी सढोली और 38 वर्षीय सुदेश पत्नी मांगे राम निवासी कोटवाल आलमपुर को मृत घोषित कर दिया। रूबी पत्नी संजय निवासी सढोली और सुमलेश निवासी सढोली की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। सतेंद्री पत्नी इन्द्र सिंह और ज्योति पत्नी मनोज निवासी सढोली का झबरेड़ा में ही इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह और झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक और घायलों के परिजनों से मुलाकात की। उधर प्लांट में हादसे की जानकारी मिलते ही प्लांट मालिक मौके से फरार हो गए। वहीं जिन महिलाओं की मौत हो गई थी, उनके परिजन झबरेड़ा से मृतकों के शव दोबारा प्लांट पर लेकर पहुंच गए। उन्होंने शव प्लांट के पास रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि प्लांट मालिक घायलों का इलाज कराने के बजाय मौके से फरार हो गया। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग की। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह, तहसील दार और झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती देर रात तक परिजनों को समझाते रहे। बाद में प्रशासन ने कंपनी मालिक अमित कुमार के से वार्ता की और दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ। मृतक महिलाओं के परिजनों को छह छह लाख रुपए के चेक दिए गए तथा घायलों के उपचार कराने की जिम्मेदारी ली गई। उसके बाद मृतक महिलाओं के शव को फैक्ट्री से उठा पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल रुड़की भिजवा दिया गया।

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