सरकार तय करेगी कुंभ मेले का स्वरूप, उत्तराखड पुलिस तैयारः डीजीपी अशोक कुमार

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हल्द्वानी पहुंचे नवनियुक्त डीजीपी: पुलिस के लिये साइबर क्राइम को आज की सबसे बड़ी चुनौती
हल्द्वानी( दर्पण संवाददाता)। उत्तराखंड के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हल्द्वानी कोतवाली परिसर में सामाजिक संगठनों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि जनता की उम्मीदों के अनुरूप पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में लगातार सुधार किया जा रहा है। यहां मीडिया से मुखतिब डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हरिद्वार में आगामी अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर उत्तराखड की पुलिस पूरी तरह से तैयार है। लगभग 4000 पुलिसकर्मियों की अब तक कुंभ डड्ढूटी प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। लिहाजा कोरोना वायरस की वैक्सीन के भविष्य की प्राथमिकताएं देखते हुए कुंभ का स्वरूप क्या होगा यह सरकार तय करेगी, लेकिन पुलिस पूरी तरह से कुंभ आयोजन के लिए तैयार है। डीजीपी ने कहा कि राज्य में 90 फीसदी लंबित केस का खुलासा किया गया है। साथ ही कानून व्यवस्था और फरियादियों के प्रति पुलिस के दायित्व को उनके द्वारा लगातार समझाया जा रहा है आम लोगों की सुरक्षा और सहूलियत के लिए पुलिस काम करें इसे उनके द्वारा स्पष्ट रूप से राज्य के सभी अधिकारियों को बताया गया है। डीजीपी बनने के बाद पहली बार हल्द्वानी पहुंचे अशोक कुमार ने सामाजिक संगठन के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी, इसके बाद वो मीडिया से मुखतिब हुये, उन्होंने कहा की प्रदेश में अपराध बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा, प्रदेश की पुलिस को हाइटेक बनाने पर जोर दिया जायेगा जिससे अपराधियों में पुलिस का खाफ हो, कुमाऊँ में महिला थाना खालने के मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा की महिला थाने की जरूरत नही है क्योंकि हर थाने में महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती है और महिला अपराधों से सख्ती से निपटा भी जा रहा है। डीजीपी अशोक कुमार ने साइबर क्राइम को आज की सबसे ऽतरनाक चुनौती बताते हुए कहा की पुलिस ऐसे मामलों में सख्ती भी दिखा रही है और कई नाइजीरियन अपराधियो को गिरफ्रतार भी किया गया है, लेकिन साइबर क्राइम से निपटने के लिए जन जागरूकता भी जरूरी है।साथ ही उन्होंने कहा अपराधिक तत्वों या माफियाओं से यदि कोई भी पुलिस कर्मी मिली भगत करता हुआ पाया जाता है तो उसको वर्दी पेहेन्ने का अधिकार नही होगा। राज्य पुलिस के मुिखया डीजीपी अशोक कुमार पुलिस कर्मियों को एक बड़ी सौगात जल्द देने जा रहे है। कुमाऊँ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये संकेत दिए है लगातार डड्ढूटी और अवकाश के लिए लंबी जद्दोजहद पुलिस कर्मियों की नियति बन गई है। उन्हें इससे निजात दिलाने और मानसिक और शारीरिक राहत देने के लिए लंबे समय से पुलिस विभाग में साप्ताहिक अवकाश की बात होती आ रही है। प्रदेश के नवनियुत्तफ़ डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस सुधारों की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए कहा है कि शुरुआती तौर पर प्रदेश के नौ पर्वतीय जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का विचार है।यह प्रयोग सफल रहा तो प्रदेश के सभी जिलों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। हालांकि, जरूरत पड़ने पर उन्हें डड्ढूटी पर आना होगा। डीजीपी बनने के बाद अपने पहले कुमाऊं दौरे पर बुधवार को नैनीताल पहुंचे अशोक कुमार ने नैनीताल क्लब में पत्रकारों से बातचीत में ये संकेत दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर थाने में एक महिला एसआई और चार महिला कांस्टेबलों की तैनाती अनिवार्य की गई है। साइबर अपराध को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस के जो आंकड़े हैं, उसके तहत प्रदेश में 70 प्रतिशत साइबर अपराध वित्त से संबंधित हैं, जबकि 30 प्रतिशत अन्य हैं। सूचना तकनीक (आईटी) कानून की धारा 78 में इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को ही इन मामलों में जांच का अधिकार हासिल है। समस्या यह है कि प्रदेश में इंस्पेक्टरों की कमी है। उन पर लोड ज्यादा है और वे साइबर अपराधों की विवेचना से बचने की कोशिश भी करते हैं। इस एक्ट में बदलाव हो और एसआई स्तर के अधिकारी को भी विवेचना का अधिकार होना चाहिए।

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