भारत की घाटी में शांति का अवसर

आॅपरेशन आॅल आउट के साथ पत्थरबाजों को भी करो शूट आउट!

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भारत की घाटी में सेना के जवानों पर पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटनाओं से देशवासियों का लहू खौल रहा है। आये दिन पाकिस्तान के आतंकवादियों के हमले में जवानों की शहादत से गमजदा उनके परिजनों और देशवासियों का बस एक ही सवाल है कि आखिर पाकिस्तान को सबक कब सिखायेगा भारत? देशवासियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि अब देशद्रोही पत्थरबाजों और उनके मददगारों के खिलापफ भी ‘आॅपरेशन शूट आउट’ चलाया जाये। जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिये सेना को अब किसी भी हालात से निपटने के लिये पूरी तरह से खुली छूट देने का निर्णय घाटी में शांति बहाली के लिये मददगार साबित हो रहा है। देश की मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी करके आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने का प्रयास किया और अब देशहित में सरकार से समर्थन वापसी का जो पफैसला अब लिया है वह कश्मीर के इतिहास में एक नया अध्याय दर्ज कर गया। मोदी सरकार के इस सख्त रवैये से जम्मू कश्मीर में तेजी से पनप रही पत्थरबाज पाॅलिटिक्स पर लगाम कसेगी। पाकिस्तान की नापाक हरकतों को रोकने और घाटी में शाति के लिये भारत सरकार को सबसे अध्कि रक्षा बजट इस राज्य की सुरक्षा में खर्च करना पड़ रहा हैं पिफर भी हालात नहीं सुध्र रहे हैं। इतना ही नहीं सेना के जवानों पर हमले बढ़ते गये और अनेक जवान शहीद भी हो गये हैं। देश के तमाम सियासी दलों ने एक सुर में मोदी सरकार के इस पफैसले का स्वागत किया है। इससे पहले भी यहां राज्यपाल शासन लागू हुए है पर पीडीपी को समर्थन देकर सरकार बनवाने वाली भाजपा के अचानक गठबंध्न तोड़ने के पीछे पत्थरबाजी की बढ़ती घटनाओं को सबसे बड़ा कारण मानाजा रहा है। वैसे भी महबूबा सरकार बनने के बाद पत्थरबाजी की घटनायें चरम पर पहुच गई थी। बकायदा महबूबा सरकार ने सेना पर मुकदमे दर्ज कराने के साथ ही न सिपर्फ पत्थरबाजों पर दर्ज केस वापिस लिये बल्कि अपने सरकार के सहयोगियों की आवाज को भी दबाने का काम किया। महूबूबा सरकार कश्मीरियों को पत्थरबाजी करने से रोक तो नहीं पाई लेकिन पाकिस्तान और अलगाववादियों से वार्ता की पेशकस लगातार करती रही। मोदी सरकार और मुफ्रती सरकार के बीच विरोधभास का यही मुख्य कारण रहा। इध्र पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सेना के जांबाज जवान अब पूरी तरह से आतंकवादियों और पत्थरबाजों का सपफाया करने के लिये तैयार हैं। घाटी में शांति के लिये धरा 370 को हटाने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे तभी देशद्रोही लोगों की मानसिकता में बदलाव आयेगा।

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