कोरोना से बचना है तो ‘डरो ना’ अब संयम और संकल्प ‘करो ना’

आपको खुले में छींकने,खांसने,हाथ मिलाने,नाक,आंख,बाल,कान को छूने से हो सकता कोरोना

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ऊधमसिंहनगर। विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘डब्लूएचओ’ द्वारा महामारी घोषित कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में भी तेजी से अपना प्रकोप छोड़ रहा है। मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद हर सख्श बेचैन है।इसके संक्रमण को रोकने के लिए तरह-तरह की कोशिशें की जा रही हैं। देश लॉकडाउन हैं, जिससे लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गये है। हर किसी सख्श के मन में बस एक यही सवाल है कि आखिर इस वायरस से कैसे बचा जाए। आखिर इसका कोई तो ईलाज होगा। ऐसे में अब जिसका ईलाज ही नहीं तो भला क्या करोगे। कोरोना का संक्रमण आपके हाथ, नाक, आंख, बाल, कान व शरीर को छूने से फैल सकता है। इसलिये बुद्धिजीवी वर्ग का सबसे पहला उपाय सुझाया गया है खुद को क्वारंटाईन करने यानी सोशल डिस्टेंस में संयमित रखकर ही हम महामारी से बच सकते है। सामाजिक दूरी का पालन भी किया जाये तो भी यह उपाय महामारी का शिकार होने से कुछ हद तक बचा जा सकता है परंतु आम लोग अब भी जागरूकता पर अमल नहीं करेंगे को शायद पूरा समाज ही संक्रमित ना हो जाये। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जहां सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण है, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी अहम रोल है। यह शारीरिक एवं मानसिक क्षमता को बढ़ाता है। लॉकडाउन में जब आप घर पर हैं, योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। शराब, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, पान मसाला आदि का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत नुकसान पहुंचाता है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये देश में लागू किये गया लाकडाउन ऐसा समय है जब आप इनमें किसी भी आदत को धीरे-धीरे छोड़ सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार समाज के लोगों को अपने परिवार के सदस्यों के खानपान से लेकर दिनचर्या में कई सावधानियां बरतने की बेहद आवश्यकता है। अगर सोशल डिस्टेंसिंग के बावजूद कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं थमा तो फिर हमे खुद अपनी ही लापरवाही की भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि भारत में इस वायरस के इलाज की वैक्सीन बनाने के लिए डॉक्टरों की टीम काम कर रही है,गिनेचुने कुछ मरीज भी ठीक हो रहे है लेकिन अब भी यह पूरी तरह सक्रिय है। फिलहाल हम अपने जीवन को बचाने के लिये विशेषज्ञों और सरकार द्वारा सुझाये गये कुछ उपायों पर गंभीरता से काम करें तो शायद बीमारी से बच पाये।इसके लिये हमे अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से सावधनियों पर गौर करना होगा और दूसरों को भी जागरूक करना होगा। हम अपने शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को भी मजबूत कर इस वायरस से लड़ सकते हैं। इसके लिए आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं, बल्कि आपको घर के अंदर ही इस वायरस से लड़ने का सामान मिल जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण का अधिक खतरा दस साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक आयु के लोगों में रहता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ये वायरस अन्य लोगों के शरीर में घर नहीं कर सकता। इसलिये अब सावधानियों और जागरूकता को हथियार बनाकर ही कोराना वायरस की महामारी से लड़ा जा सकता है।
लॉकडाउन के दौरान घर में रहने संबंधित सावधानिया: कोराना के संक्रमण को फैसलने से रोकने के लिये अपने परिवार के सदस्यों को घर में रहने को कहें। यदि आपको खांसी या छींक आये तो तुरंत मुंह ढकें ,खुली हवा में अथवा अपने हाथों में बिलकुल भी ना छीकें। खांसी या छींक आने पर रूमाल या अपनी बाजू का प्रयोग करें। यदि धर में टिशू पेपर इस्तेमाल करते हैं तो उसे किसी भी तर छूने से बचें। उसे तुरंत नष्ट कर दें। अपने शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखे यदि अपनी आंखो, कान, नाक बाल आदि छूने से बचे यब बात सभी सदस्यों को बतायें। यदि घर में शिशु घुटनों के सहारे चलता है तो उसकी देखभाल करने के लिये हाथों में गलब्ज व बाजू वाले कपड़े पनायें और सभी सदस्ये लंबी बाजू के कपड़े पहनकर रहें। परिवार के वृद्धजनों का विशेष ध्यान रखें और स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेते रहे। उन्हें खाना देते समय हाथ जरूर धोयें। यदि घर में कोई बीमार व्यक्ति है तो उसे अलग कमरे में रहने की व्यवस्था कीजिये। सोशल डिस्टेंस में रहकर भोजन एवं साफ सफाई रोजाना करें। कूड़ा कचरा डस्टबीन में डाले और उसे खुले में न रखें। लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी सदस्य एवं बच्चों को घर में भोजन खाने से पहले साफ पानी से हाथ जरूर धोयें। किसी भी फल या अन्य चीजों को खाने से पहले हाथ धुलायें। घर में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की सफाई करें। किचन की विशेष सफाई रखें। इसके अलावा अपने मोबाईल,लैपटॉप, रिमोट वाहन की चाबी आदि को सेनेटाईज करते रहे। अपने घर के दरवाजे की कुडी,सीड़ियों की रेलिंग, खिड़कियां, बाथरूम को नियमित रूप से साफ करते रहे। घर में रोजाना दो बार पोछा लगायें। आपके घर में यदि सफाई अथवा खाने बनाने के लिये बाहरी व्यक्तियों की सेवायें ली जा रही है तो लॉकडाउन की अवधि तक यदि संभव हो तो सेवायें लेने से बचें। यदि सवोयें लेने के लिये जरूरी है तो अपने घर के मुख्य दरवाजे से प्रवेश ना करे। काम करने से पहले साबुन आथ सेनेटाईजर से हाथ धोने के लिये बोलें। बाहर से खाना ऑडर करने या ऑनलाईन सामान मंगाने से बचें। यदि कोई पोस्टल ऑडर, सामाचार पत्र या पत्रिकायें कोरियर के जरिये आ रही है तो उन वस्तुओं को सेनेटाईज करें। डिलीवरी ब्वाय को सोशल डिस्टेंस बनाकर सम्पर्क करें। यदि आपके घर में अखबार आये तो हॉकर को चिश्चित स्थान पर अखबार डालने को कहें। पढ़ने के बाद अपने हाथों को सेनेटाईज करें। यदि आपके घर में पालतू कुत्तों अथवा पशुओं को रखा गया है तो उन्हें फर्श पर शरीर रगड़ने से रोके। यदि आपका घर प्लाटेंड या भूमि पर बना हुआ तो मुख्य गेट से बाहर ना निकलें , आवाजाही कम करें। यदि फ्रलैट मं है तो भी मुख्य दरवाजे से प्रवेश कम करें। यदि आप किसी सोसाईटी में है तो वहां स्वीमिग पूल, जिम, सार्वजनिक सभागार है तो वहां न जायें।
घर के अंदर प्रवेश करते है तो यह ध्यान रखे:
आप के घर का कोई सदस्य जब घर में प्रवेश करे तो वह घर की किसी वस्तु को सीधा न छूए, पहले जूते चप्पल उतारे,हाथ धोये फिर कपड़े अलग जगह बदलें फिर अपने बैग, बटुए और वाहन की चाबी आदि सामान को अलग रखें। इसके बाद स्नान करें। इसके अलावा अपने चश्मे और मोबाईल फोन को सेनाटाईज कर उपयोग करें। अगर आप बाजार से फल, सब्जी दूध का पैकेट आदि लाये है तो उन्हें धोकर इस्तेमाल करें।
घर से कोई बाहर निकले तो यह नियम बनायेंः किसी जरूरी काम से कोई परिवार का सदस्य बाहरजाये अगर स्वास्थ्य में कोई दिक्कत नहीं है तो वह मास्क या रूमाल से मुंह को ढके ताकि दूसरे को संक्रमण न हो। स्वास्थ्य के संबंधी कार्यों के लिये ही नजदीकी चिकित्सालय जायें। यदि किसी खरीदारी के जा रहे है तो अपने हाथों में गलब्ज पहने। नगदी का इस्तेमाल कम करे,औनलाईन भुगतान को प्राथमिकता दें। होम क्वारंटाईन में रहने वाले संदिग्ध मरीजों के लिये सावधानी जरूरी: यदि आपको चिकित्सक द्वारा होम क्वारंटाईन यानी अलग आवास में रहने के निर्देश दिये गये हैं तो ऐसी स्थिति में घर के अन्य सदस्यों व आस पड़ोस में बिल्कुल नहीं जायें। इससे अन्य लोग संक्रमित हो सकते है। किसी भी तरह स्वास्थ्य में सुधार आने तक नियमों का पालन करे। यदि बीमारी के लक्षण शुरू हो रहे है तो चिकित्सकों अथवा राज्य स्वास्थ्य हेल्पलाईन में कॉल कर सूचित करते रहें।
योगा करें और आयुर्वेद भी अपनाएं हल्दी,नींबू,गिलोय,तुलसी है फायदेमंदः आयुर्वेद दुनिया की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जो विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। कोरोना की महामारी से लड़ने के लिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर प्राथमिकता से क्रियान्वयन में जुटी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये अपनेी शारीरिक शक्ति को मजबूत करना जरूरी है। कोरोना से बचने के लिये हमे अपना स्वास्थ्य ठीक रखना होगा। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये नियमित योगासन के अलावा होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक औषधियों के इस्तेमाल को लेकर भी जागरूकता बढ़ाने की अपील की जा रही है। आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय हैं, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ा जा सकता है। आयुर्वेदिक औषधियों के अधिाकांश कपोनेंट्स जड़ी-बूटियों, पौधों, फूलों और फलों से प्राप्त किए जाते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्यति को बढ़ावा देकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। हल्दी दूध सेहत के लिए लाभकारी है। सामान्य भोजन में लघु और सुपाच्य भोजन ही उत्तम है। भारी भोजन न करें। गिलोय स्वरस रोग प्रतिरोधाक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद है। काली मिर्च, लौंग, सौंठ या तुलसी की चाय या काढ़ा भी बहुत लाभप्रद है। सर्दी-जुकाम में सितोपलादि चूर्ण शहद के साथ लक्ष्मी विलास रस एक-एक गोली लें। आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पथ्य, आहार, विहार, स्वस्थ दिनचर्या, रात्रिचर्या, स्वस्थ निद्रा और ब्रह्मचर्या का वर्णन किया गया है। कोरोना श्वसन तंत्र पर प्रहार करता है इसलिए कोल्ड डिंक, ठंडी चीजों आदि का प्रयोग बिल्कुल न करें। गर्म पानी का प्रयोग करें। रोजना अपना खाने में हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रतिरोधक क्षमता बड़ाने के लिए रोज की डाइट में नींबू से लेकर संतरे, मौसंबी तक कुछ भी हो सकते हैं। अगर ये न खा सकें तो रोजाना कम से कम एक आंवला खाना भी पर्याप्त होगा। खट्टटे फल विटामिन सी के अच्छे स्त्रेत होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के असर को कम कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। कोशिश करें कि फिज का पानी न पिएं। हर दिन कम से कम आठ ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए। आपके किचन के ये खास नुस्खे बढ़ाएंगे इम्युनिटी-इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए आपको सामान आपके किचन में ही मिल जाएगा, जिसका आप कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आपके किचन में ऐसी क्या चीजें मौजूद हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर वायरसों के संक्रमण के खतरे को कम करेंगी। अदरक-अदरक में एंटीऑक्सिडेंट और इंफ्रलेमिट्री कंपाउंड पाया जाता है। एंटीवायरल और जिंजरॉ से भरपूर अदरक आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। हल्दी-एंटीऑक्सिडेंट और इंफ्रलेमिट्री कंपाउंड से भरपूर हल्दी आपके शरीर को एलर्जी से लडने के काबिल बनाता है। ये आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीना बहुत ही सेहतमंद होता है। अलसी-अलसी के छोटे-छोटे बीज आपको कई तरह की बीमारियों के जोखिम से बचाते हैं। यह आपके दिल से लेकर दिमाग तक को स्वस्थ रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक सीलियम और ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होता है। एक चम्मच अलसी के बीज को गरम दूध के साथ पीने से या फिर सलाद या दही के साथ इसका सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है। दालचीनी- पॉलिफेनॉल्स और प्लांट एंटीऑक्सिडें से भरपूर दालचीनी आपकी इम्यूनिटी दुरुस्त रखती है। खासकर सर्दी और सीजनल फ्रलू में यह अपने एंटी वायरल और एंटी फंगल गुणों के कारण दवा का काम करता है। सब्जी में मसाले के रूप में तो दालचीनी प्रयोग होता ही है, आप दालचीनी की चाय का सेवन भी कर सकते हैं। तुलसी-एंटी वायरल और एंटी इन्फ्रलेमेट्री जैसे औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी कई बीमारियों का इलाज है। यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाती है। तुलसी के पत्तों का खाली पेट सेवन करना बहुत फायदेमंद है। हर दिन तुलसी की 5 पत्तियां, एक चम्मच शहद के साथ खाने से रोगों से लड़ने की आपकी क्षमता बढ़ती है। इसके साथ तीन से चार काली मिर्च के दाने भी चबाना फायदेमंद होगा। सुबह नियमित कसरत भी मददगार-कोरोना वायरस या किसी भी वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए इम्युनिटी सिस्टम का खास रोल रहता है। इसलिए इसे बढ़ाने के लिए हर रोज हल्की कसरत और मॉर्निंग वॉक भी बेहद जरूरी है। यह भी कोशिश करें कि आपके शरीर को सुबह की 20 से 30 मिनट तक धूप भी मिल सके।

_#एन.एस बघरी‘नरदा’

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