‘बाबा’ की शरण में भाजपा के ’शाह’

महंगाई से नाराज होकर योग गुरू बाबा रामदेव ने दे दी थी प्रचार नहीं करने की चेतावनी

0

देहरादून। अब इसे चुनावी नुकसान का डर कहें या फिर कुछ और..। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गत दिवस हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ पहुंचे। बाबा रामदेव के अनुसार पतंजलि योगपीठ द्वारा संचालित आचार्यकुलम् की स्थापना के लिये पीएम नरेंद्र मोदी पहले आ चुके हैं लेकिन अब एक बार फिर नवनिर्मित भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा सुप्रीमो अमित शाह को उन्होंने न्यौता दिया था तभी अमित शाह यहां आये हैं। लेकिन उत्तराखंड में अमित शाह का यह तीसरा दौरा न केवल भाजपा की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, बल्कि अमित शाह के इस दौरे को सिर्फ मोदी सरकार की नीतियों से नाराज चल रहे योगगुरु बाबा रामदेव को भी साधने की कोशिश मानी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं न कहीं अमित शाह के उद्घाटन के बहाने इस दौरे के जरिये पार्टी से रामदेव के मनमुटाव को भी दूर करना चाहते हैं और बाबा के करोड़ों प्रशंसकों में भाजपा के प्रति सहानुभूति भी पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। गौर हो कि आये दिन डिजल पेट्रोल के दामों में बेतहाशा बढ़ती महंगाई से आमजन को हो रही परेशानी से विश्व विख्यात योगगुरू बाबा रामदेव भी मोदी सरकार से नाराज हो गये। इतना ही नहीं शाह के आने से कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का चुनावी प्रचार नहीं करने की चेतावनी तक दे डाली थी। बाबा के इस बयान के बाद तो मानों भाजपा के नेताओं की रात की नींद और दिन का चैन ही उड़ गया। माना जा रहा था कि बाबा रामदेव कहीं अपने पुराने अंदाज में आकर कहीं महंगाई और भ्रष्ट्राचार को लेकर कोई आंदोलन खड़ा न करे दें। विपक्षी दलों के अलावा कांग्रेस के नेता बाबा के इा बयान को लेकर खासा उत्साहित हो गये थे जबकि आये दिन सोशल मीडिया के साथ ही मीडिया चैनलों पर भी जोरशोर इसे इस बयान को ेलकर भाजपा की घेराबंदी करते दिखे। बाबा के बयान का असर सत्ता पक्ष के लिये मुश्किलें खड़ी कर रहा था। भाजपा में यह भय व्याप्त होने लगा था कि आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर बाबा ने दोबरा अपनी आवाज उठा दी तो भाजापा के लिये लोगों में अविश्वास भी पैदा हो सकता है। देशभर की मीडिया में जब भाजपा और मोदी सरकार के सबसे बढ़े प्रशंसक माने जाने वाले रामदेव बाबा के इस कड़क अंदाज के कई मायने निकाले जाने लगे। इधर विपक्षी नेताओं ने बाबा रामदेव और अमित शाह की मुलाकात को भाजपा का सियासी स्टंट बता रहे है साथ ही महंगाई को लेकर बाबा की नाराजगी से भाजपा में सत्ता खोने का भय व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के चुनाव में बाबा रामदेव के भ्रष्ट्राचार मुक्त भारत के आह्वान पर देश की जनता बेहद प्रभावित हो गई थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जब दिल्ली में उन्होंने खुले मंच से कांग्रेस सरकार की नीतियों पर कड़े प्रहार करते हुए सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रण लिया था। इस दौरान बाबा रामदेव को सरकार के विरोध करने की सजा भी भुगतनी पड़ी। उन दिनों सरकार के खिलाफ उनके संबोधन को सुनने के लिये लोगों की भारी भीड़ लग जाती थी। योग शिविर के नाम पर उन्हें भले ही दिल्ली में आने की अनुमति सरकार ने दे दी थी लेकिन यहां उनके तीव्र वचन नहीं रूके जिसके बाद आम लोगों के साथ ही योग साधकों का जनसम्मेलन शुरू हो गया। यह वहीं दौर था जब भाजपा के बड़े बड़े नेता और नरेंद्र मोदी भी कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए थे।

चिंता नहीं किसी सम्मान की,गौ रक्षा के लिये बने कानून

देहरादून। पतंजलि योगपीठ के स्वामी और योगगुरू देश की सबसे बड़ी स्वदेशी कपंनी को संचालित कर रहे है। देश के गांव गावं से लेकर शहरों में भी बाबा के प्रोडक्ट धूम मचा रहे है। कुछ ही वर्षों में पतंजलि के उत्पादों की बढ़ती डिमांड से बड़ी बड़ी नामी कंपनियों कें ब्रांडों की धज्जियां उड़ा दी हैं। बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण की लगन और मेहनत की बदौलत आज देश विदेश में उत्तराखंड की धरती के स्वदेश उत्पाद बाजारों में अपनी पैठ जमा चुके हैं। बाबा रामदेव का यह कारोबार तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद बाबा रामदेव जनहित,देशहित, और राष्ट्रहित के लिये अपने अगल अंदाज के लिये लोकप्रिय हो चुके है। भारत को आंख दिखाने वाले चीन, पाकिस्तान के प्रति भी बाबा की प्रतिक्रिया देश के युवाओं में देशभक्ति का जोश भरती हैं। देश की राजनीति हो या फिर देश में स्वच्छता सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा,सेवाभाव के प्रति उनके हर आह्वान से जनता बेहद जल्द प्रभावित हो जाती है। विश्व में भारत की योग शिक्षा का डंका बजाने वाले बाबा रामदेव अक्सर कहते हैं भी रहते हैं कि उन्हें किसी बात की परवाह नहीं। गत दिवस हरिद्वार में आचार्यकुलम के नये परिसर के शुभारम के अवसर पर अपने संबोधन में बाबा रामदेव ने स्पष्ट रूप से कह भी दिया कि उन्हें किसी के सम्मान की अपेक्षा नहीं हैं। उनका कहना था कि देशवासियों के साथ ही कुछ नेता भी उन्हें भी सम्मान दिलाने की बात करते हैं,लेकिन वह अपनी संस्कारों और शिक्षा से भारत के हर बच्चे को भारत का रत्न बनाना चाहते है। इस दौरान उन्होंने मौके की नजाकत को भुनाने का प्रयास भी किया। शाह के सामने ही उन्होंने मोदी सरकार से फिर बड़े बदलाव की आशा व्यक्त की। उन्होंने गौ रक्षा के लिये भी कानून बनाने की मांग की है। देश हित में वह जनजागरण कर रहे हैं इसमें सबका साथ जरूरी है। वह निरंतर देशहित के लिये काम करते रहेंगे। विरोधियों को तो बोलने का मौका दिये बिना वह अपनी तीखी और मीठी बातों से अपना वर्चस्व बढ़ाते ही चले जा रहे हैं।

बहुमत के बाद भी भाजपा नहीं दे पायी सम्मान
देहरादून। केंद्र की मोदी नीत भाजपा की सरकार आज सियासत की ऊंचाईयों को छू रही है। सभी जानते हैं कि योगगुरू बाबा रामदेव ने अब तक लगातार खुलकर भाजपा का साथ तो दिया ही है साथ ही योगसभाओं में भी जनता में अगल ही प्रभाव छोड़ा। जिसका नतीजा आज सबके सामने है। केंद्र की सत्ता से कांग्रेस को बेदखल कर भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ सरकार बनायी बल्कि पूर्ण बहुमत का दम भी दिखाया। इतना ही नहीं केंद्र में सरकार बनाने के बाद भाजपा अब तक करीब 22 राज्यों में भी सत्तासीन हो चुकी है। इस बीच मोदी सरकार ने अपने सफलतम चार वर्ष का कायकाल भी पूर्ण कर लिया है। अब 2019 का चुनाव भी नजदीक है। लिहाजा भाजपा एक बार फिर सत्ता का सुख भोगने के लिये तैयारी शुरू कर चुकी है। वहीं भाजपा के खेवनहार बाबा रामदेव के प्रति मोदी सरकार की बेरूखी को लेकर भी तरह तरह की चर्चाये हो रही है। राजनीतिक विष्लेशकों की माने तो जिस प्रकार बाबा रामदेव ने भाजपा की राजनीतिक झमता को बढ़ाने का काम किया उसकी बदौलत पार्टी काफी आगे बढ़ चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बाबा रामदेव को भाजपा ने अब तक कोई बढ़ा सम्मान या पद देने की पेसकश तक नहीं की है। माना जाता है कि योग गुरू बाबा रामदेव के देश और विदेश में करोड़ों प्रसंशक है। दम तोड़ती योगविद्या को दोबारा जागृत करने वाले बाबा को देश का सर्वोच्च सम्मान दिलाने की भी मांग की जाती है। देश में बाबा के प्रति हर छोटे बड़े व्यक्ति में सम्मान का भाव दिखता है उनके लाखों भक्त भी है जो उन्हें एक राष्ट गुरू के रूप में देखते है। भाजपा के नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी योग गुरू के प्रति सम्मान प्रकट करते रहते हैं। कुलमिलाकर देखा जाये तो भाजपा और योग गुरू बाबा रामदेव का संबंध नया तो नहीं है पर क्या यह संबंध आगामी चुनाव में भी ठीक वैसे ही असर दिखाते रहेंगे इसे लेकर चर्चायें तेज हो गई है।

देशभर में फैलेगी स्वदेशी शिक्षा की क्रांति: बाबा रामदेव
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के स्वामी व योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि पूरे देश के सीबीएसई संस्थान में आचार्यकुलम् ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। योग, आयुव्रेद, स्वदेशी और वैदिक शिक्षा के कार्य में करोड़ों देशवासी हमारे साथ हैं। योग क्रान्ति के पश्चात अब हम स्वदेशी शिक्षा क्रांति को गति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्यकुलम पतंजलि विविद्यालय, पतंजलि गुरुकुलम् इस क्रांति का एक कदम मात्र है। हम आगे देशभर में लाखों विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था के लिए संकल्पित हैं। जब स्वामी श्रद्धानन्द व महामना मदनमोहन मालवीय ने सीमित संसाधनों में बड़े-बड़े विविद्यालयों का संचालन कर दिया तो हमारे साथ तो करोड़ों हाथ हैं, हम इस कार्य को निश्चित ही लक्ष्य तक पहुंचाएंगे। ऋषियों, शहीदों व क्रान्तिकारियों के सपनों का भारत बनाना हमारा परम ध्येय है।

  • नरेन्द्र बघरी (नरदा)

Leave A Reply

Your email address will not be published.