अवैध कालोनियों पर प्रशासन का प्रहार: रुद्रपुर की तकरीबन 128 और गदरपुर की 122 कालोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक

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कॉलोनाइजरों में मची खलबली परंतु रजिस्ट्री पर रोक की संस्तुति के बावजूद प्लाटों की बिक्री बदस्तूर जारी
रुद्रपुर। उत्तराखंड के अग्रणी औद्योगिक नगरों में से एक रुद्रपुर में सिडकुल की स्थापना के साथ रुद्रपुर और आसपास के इलाकों में तेजी से चालू हुए नगरीयकरण के परिणाम स्वरूप रुद्रपुर और इससे सटे ग्रामीण क्षेत्रें में भारी तादाद में वैध-अवैध आवासीय कालोनियां अस्तित्व में आई। इन आवासीय कालोनियों में प्लाट अथवा घर उपलब्ध कराने का सपना दिखाकर भोले भाले आम लोगों को जमकर ठगा गया और शासन- प्रशासन को भी तगड़ा चूना लगाया गया। इन आवासीय कालोनियों में शासन- प्रशासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप प्लाट, घर ,फ्लैट एवं विला आदि तो विकसित नहीं ही किए गए, साथ ही साथ एक ही प्लाट अथवा मकान को कई कई बार बेचे जैसे कारनामे भी काफी तादाद में सामने आए। सिडकुल की स्थापना के समय से नई आवासीय कालोनियों के निर्माण एवं इसकी आड़ में भोले भाले लोगों को ठगने एवं शासन- प्रशासन को परोक्ष एवं परोक्ष रूप से राजस्व की शपथ लगाने का सिलसिला आज भी पहले की तरह जारी है, मगर हाल के कुछ वर्षों में शासन- प्रशासन ने उपरोक्त नियम विरुद्ध विकसित की जा रही कालोनियों को अपने रडार पर लेना शुरू कर दिया है और ऐसी कालोनियों का पता लगाकर इनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी की जाने लगी है। इसी क्रम में अब जिला अधिकारी के निर्देश पर रुद्रपुर एवं गदरपुर विकसित की जा रही सैकड़ो कालोनियों के राजस्व रिकॉर्ड की गहन जांच पड़ताल के बाद इन कॉलोनी के भूखंड की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की संस्तुति की गई है । हासिल जानकारी के मुताबिक रुद्रपुर में ऐसी कालोनियों की संख्या तकरीबन 128 और गदरपुर में 122 है। जिला अधिकारी के निर्देश पर जिला प्रशासन के राजस्व अनुभाग द्वारा की गई गहन जांच पड़ताल में उपरोक्त कालोनियों में राजस्व अभिलेखों में कॉलोनी का कृषि भूमि के रूप में दर्ज होना, कॉलोनी विकसित करने के लिए शासन स्तर पर कोई भी अनुमति प्राप्त न करना, रेरा अथवा विकास प्राधिकरण में कॉलोनी का पंजीकरण कराकर नक्शा ना पास कराना एवं कॉलोनी में सड़क, बिजली, नाली एवं पार्किंग आदि की निर्धारित मानकों के अनुरूप व्यवस्था न होना जैसी बड़ी खामियां पाई गई हैं और तदनुसार मातहत अधिकारियों द्वारा जिला अधिकारी उधम सिंह नगर की ओर उपरोक्त कालोनियों में भूमि क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आख्या संस्तुति सहित प्रेषित की गई है।
प्रशासनिक सख्ती के बाद भी नहीं रुक रहा गोरख धंधा
रूद्रपुर। प्रशासन की अब तक की तमाम सख्ती के बावजूद अवैध कॉलोनी का काटना लगातार जारी है। कॉलोनाइजर नए-नए नाम की अवैध कालोनियां काट- काट कर भोले भाले लोगों को प्लाट बेच कर धोखा दे रहे हैं ।जाहिर है कि जब तक यह कार्यवाही नहीं रोकी जाएगी, तब तक तो रजिस्ट्री पर रोक लगाने का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलेगा ,क्योंकि कॉलोनाइजरों द्वारा क्रेता को अपना प्लाट अथवा अपना घर उपलब्ध कराने का लालच देने के साथ-साथ आकर्षक ऑफर की आड़ में तमाम गोरखधंधो को छिपा दिया जाता है। नतीजतन कॉलोनी के प्लाट अथवा घर एक के बाद एक बिकते जाते हैं और सारे प्लाट बेचने के बाद कॉलोनाइजर रहस्यमय तरीके से लापता हो जाते हैं और उसके बाद ऐसी अविकसित कॉलोनी में बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने का खर्च शासन-प्रशासन को उठाना पड़ता है।

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