काशीपुर में पांव पसारता जा रहा है नशे का अवैध कारोबार

एएसपी ने दी अधिकारियों को चेतावनीःनशे के अवैध कारोबार पर लगे अंकुश

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काशीपुर(उद संवाददाता)। नशे के गैरकानूनी कारोबार पर अंकुश न लगने से पुलिस कप्तान ने एक बार फिर से तेवर तल्ख किए हैं। एसएसपी ने क्राइम मीटिंग के दौरान साफ किया कि यदि जिले के किसी भी थाना क्षेत्र में नशीले कारोबार की सूचना मिली तो संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही की गाज गिरना तय है। ज्ञातव्य है कि गैर कानूनी ढंग से पांव पसारता जा रहे नशे के गैरकानूनी कारोबार के चलते जहां कई जिंदगियां मौत की भेंट चढ़ गई। वही दर्जनों परिवार भुखमरी के कगार पर है लेकिन गैरकानूनी कारोबार पर अब तक अंकुश नहीं लग सका। रम्पुरा, खाई खेड़ा, छोटी बरखेड़ी, बड़ी बरखेड़ी, कनकपुर, खड़कपुर देवीपुरा समेत उन्नाव आईटीआई थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव मैं कच्ची शराब का गैरकानूनी कारोबार जहां एक और कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है वही घनी आबादी वाले टांडा उज्जैन, विजय नगर, नई बस्ती अल्ली खां आदि मोहल्लों में एक अरसे से मादक द्रव्य के खरीद-फरोख्त की सूचना है। उपरोक्त मोहल्ले सुल्फा चरस स्मैक तथा नशीली दवाइयों के लिए कुख्यात माने जाते हैं। हालांकि समय-समय पर पुलिस कार्यवाही के दौरान नशे के कारोबार में लिप्त लोगों को कानून के चुंगल में लेती है लेकिन आजाद होने के बाद कारोबारी पुनः गैरकानूनी कार्य में संलिप्त पाए जाते है। यह बता दे कि नशाखोरी के कारण 1 वर्ष के भीतर पांच हत्याएं हो चुकी है। इसी के कारण झगड़ा फसाद समेत जघन्य अपराधों का ग्राफ भी बढ़ रहा है। नशे के बढ़ते कारोबार पर प्रभावी तरीके से अंकुश न लगने के कारण देश का भावी भविष्य गर्त के कगार पर है। कटोरा ताल चैकी क्षेत्र में पोस्टमार्टम हाउस के करीब एक महिला चरस की बिक्री में लिप्त है वही एक अन्य युवक व अन्य लोग नशीले पदार्थों की बिक्री कर चांदी काट रहा है। शहर के तमाम मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही है। ऐसे में प्रशासन नशे के कारोबारियों पर प्रभावी अंकुश कैसे लगा सकता है यह फिलहाल यक्ष प्रश्न बना है। गौरतलब यह भी है कि प्रदेश का पौराणिक शहर काशीपुर सार्वजनिक स्थान पर शराब खोरी के लिए पूरी तरह बदनाम हो चुका है। कटोरा ताल चैकी क्षेत्र में चीमा चैराहा पोस्टमार्टम हाउस मोड़ चीमा रेलवे क्रोसिंग साहनी रिसोर्ट के आसपास शाम होते ही शराबियों का आतंक सिर चढ़कर बोलने लगता है। कमोवेश ऐसा ही कुछ हाल टांडा उज्जैन तथा बांसफोड़ान चैकी क्षेत्र का है। सूत्रें की मानें तो मुरादाबाद रोड पर ढेला पुल से महेशपुरा पुलिस चैकी के बीच हाईवे के किनारे खुले मांसाहार के सड़क छाप ढाबों ठेलों पर देर रात तक खुलेआम शराब पिलाई जा रही है इसी तरह टांडा उज्जैन चैकी क्षेत्र में रोडवेज बस अîóे के आसपास आवास विकास मोड एवं गांधी आश्रम रोड पर शराबियों की भारी जमघट देर रात तक उत्पात मचाते कभी भी देखी जा सकती है। यानी नशे के बढ़ते चलन पर यदि अंकुश लगाना है तो निश्चित रूप से सरेराह हो रही शराब खोरी को पहले समूल खत्म करना होगा।

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