जिम्मेदारी बनती है हजूर, जनता को जवाब देना होगा

क्यों बंद होते गए एनडी द्वारा लगाए गए उद्योग, सिडकुल में डेढ़ सौ से अधिक उद्योगो में लग चुका है ताला

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नरेश जोशी
रूद्रपुर। लोकसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारों को रोजगार देने का दावा करने वाले सियासी दल लाख कसमें खा रहे हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। देवभूमि के मुख्य द्वार पर बसे रुद्रपुर में पूर्व मुख्यमंत्री स्व.नारायण दत्त तिवारी द्वारा सिडकुल में लगाए गए लगभग 500 से अधिक उद्योगों में से 150 उद्योग बंद हो चुके हैं। यही नहीं विकास पुरुष के नाम से पहचान बना चुके स्व. एनडी तिवारी द्वारा लगाए गए तमाम बड़े कारखाने एक के बाद एक बंद होते चले गए। पर उत्तराखंड में बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर सियासत जारी रही। बता दें कि वर्ष 2002 में उत्तराखंड राज्य का पहला विधानसभा चुनाव हुआ था इस चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही। कांग्रेस आलाकमान द्वारा स्व. नारायण दत्त तिवारी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया जिसके बाद विकास पुरुष उपाधि पा  चुके स्वर्गीय एनडी तिवारी ने रुद्रपुर के पंतनगर क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सिडकुल का निर्माण कर दिया। यहां लगभग 500 से अधिक फैक्ट्री लगाई गई थी जिसके बाद रुद्रपुर का नाम औद्योगिक नगरी पड़ गया। सिडकुल के निर्माण के बाद जैसे तराई में विकास को नये पंख लग गए। चारों तरफ कंकरीट के जंगल खड़े होने के साथ बाहरी लोगों ने इस औद्योगिक नगरी में आना शुरू कर दिया। सिडकुल का लाभ तराई के साथ-साथ पर्वतीय और निकटवर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के लोगों को सबसे ज्यादा मिला, पर अफसोस की बात यह है कि स्वर्गीय तिवारी द्वारा लगाए गए 500 में से डेढ़ सौ से ज्यादा उद्योग पूरी तरह बंद हो चुके हैं यही नहीं स्व. तिवारी द्वारा तराई के साथ साथ भावर में लगाए गए तमाम छोटे-बड़े कारखाने बंद किए जा चुके हैं और हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस व भाजपा से जुड़े लोग आज भी युवाओं को रोजगार देने के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि केंद्र व प्रदेश में एक के बाद एक दोनों ही दलों की सरकार होने के बावजूद भी स्वर्गीय तिवारी द्वारा लगाए गए उद्योगों को बढ़ावा देने की जगह इन उद्योगों को बंद होने से कोई भी सरकार रोक नहीं पाई। इसके पीछे कारण जो भी रहा हो पर सवाल सरकार की मंशा पर खड़ा होना लाजमी  है। देवभूमि में युवाओं के पलायन को रोकने का दावा करने वाले यह सियासी दल  चुनाव के दौरान उद्योगों को लेकर बड़े-बड़े दावे भले ही करते हों, पर जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। काठगोदाम की एचएमटी फैक्ट्री रही हो या फिर काशीपुर का सूर्य प्लांट, गदरपुर व सितारगंज की चीनी मिल हो या फिर रुद्रपुर की श्रीराम होंडा फैक्ट्री यह तमाम बड़े बड़े उद्योग स्व. तिवारी द्वारा यूपी सरकार मे सीएम होने के दौरान लगाए गए थे।कहा जाता है कि श्री तिवारी को तराई से बेहद लगाव था यही बड़ा कारण है कि स्वर्गीय तिवारी ने हर हाथ को रोजगार देने की हर मुमकिन कोशिश की किंतु आज  युवाओं को रोजगार देने के नाम पर सियासी रोटी सेक रहे यह सियासी दल सरकार में आने के बाद स्वर्गीय एनडी तिवारी के सपनों को भूल जाते हैं।

स्वर्गीय एनडी द्वारा लगाए गए प्रमुख उद्योग जिन पर  लग गया ताला

-काठगोदाम की एचएमटी फैक्ट्री

-हल्दुचैड़ की सोयाबीन फैक्ट्री

-काशीपुर का सूर्या बल्ब प्लांट

-रुद्रपुर की श्रीराम हौंडा फैक्ट्री

-किच्छा की रामा विजन फैक्ट्री

-गदरपुर चीनी मिल

-सितारगंज चीनी मिल

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