केसी सिंह बाबा ने मेरा समर्थन किया हैःमहेन्द्रपाल

टिकट किसी को मिले चुनाव तो कांग्रेसी ही जीतेगी, पूर्व सांसद महेंद्र पाल से उत्तरांचल दर्पण की खास बातचीत

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नरेश जोशी
नैनीताल। सियासत में सरल स्वभाव के रूप में अपनी पहचान बना चुके पूर्व सांसद महेंद्र पाल का कांग्रेस से वर्षों पुराना नाता रहा है। महेंद्र पाल 1968 में हल्द्वानी महाविद्यालय से छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीतकर सियासी रण में उतरे थे। छात्र राजनीति से दिल्ली की संसद तक सफर करने वाले महेंद्र पाल ने 1989 में जनता दल के बैनर तले लोकसभा का चुनाव जीत लिया था। यह वह दौर था जब देश की राजनीत मे वीपी सिंह के समर्थकों का बोल बाला था। सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे महेंद्र पाल स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी से खासा प्रभावित हुए उस दौर में पहाड़ की राजनीति में नारायण दत्त तिवारी का जलवा कायम था। महेंद्र पाल नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस में आ गए। यह वही महेंद्र पाल है जिन्होंने उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहला उप लोकसभा चुनाव नैनीताल लोकसभा सीट से लड़ा था। उत्तराखंड के पहले चुनाव मे मुख्यमंत्री बने नारायण दत्त तिवारी नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद एनडी तिवारी को यह सीट छोड़नी पड़ी थी लोकसभा के उपचुनाव में महेंद्र पाल लगभग एक लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीत कर एक बार फिर संसद पहुंच गये थे इस चुनाव की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इस चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों की जमानत जप्त हो गई यह हाल तब रहा जब महज 27» के आसपास वोटिंग हुई थी कहा जाता है कि अपने सरल स्वभाव के कारण आज तक महेंद्र पाल का कोई सियासी दुश्मन नहीं बना यहां तक कि विपक्ष ने भी महेंद्र पाल के ऊपर कभी कोई विवादित टिप्पणी नहीं की है। पूर्व सांसद महेंद्र पाल ने भी नैनीताल उधम सिंहनगर लोकसभा सीट से अपनी दावे दारी पेश की है। पेश है उनसे उत्तरांचल दर्पण की बातचीत के कुछ अंश ।
सवाल- सुना है आपने भी नैनीताल लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की है?
जबाब- यह बात बिल्कुल सही है मेरी कांग्रेस की तरफ से नैनीताल लोकसभा सीट से मजबूत दावेदारी है।
सवाल- ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस भाजपा से नहीं बल्कि हरीश रावत से चुनाव लड़ रही है?
जबाब- ऐसा कुछ नहीं है यह तथ्य पूर्ण बात नहीं है कांग्रेस में सब लोग एक साथ हैं जो आला कमाल तय करेगा वह होगा। मैं इतना जानता हूं कि उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें कांग्रेस जीतेगी
सवाल- अगर पूर्व सीएम हरीश
रावत को टिकट मिला तो क्या वह चुनाव जीतेंगे?
जबाब-मैं इतना जानता हूं कि टिकट किसी को भी मिले चुनाव तो कांग्रेस ही जीतेगी।
सवाल- आप भी दो बार सांसद रह चुके हैं आपने पर्वतीय क्षेत्र के लिए क्या कुछ खास किया?
जबाब- जब मैं 1989 मे पहली बार संसद पहुंचा तो पर्वतीय क्षेत्रों में रेल मार्ग को लेकर मैने आवाज उठाई रेल के तमाम प्रोजेक्ट तैयार किए गए तत्कालीन रेल मंत्री जौल साहब ने अच्छा बजट रिलीव किया था उनके प्रयासों के चलते हल्द्वानी में रेल पहुंच गई थी सांसद रहते हुए मैंने टनकपुर बागेश्वर रेल मार्ग के साथ-साथ जौलजीबी रेल मार्ग को लेकर आवाज उठाई थी मेरा आज भी सपना है कि बागेश्वर तक रेल यात्रा पहुंचे।
सवाल- सुना है कि केसी सिंह बाबा ने पूर्व सीएम हरीश रावत को हरिद्वार जाने की सलाह दी है?
जबाब- मुझको इस बात की कोई जानकारी नहीं है मैं इतना जानता हूं कि टिकट को लेकर केसी सिंह बाबा जी ने मेरा समर्थन किया है।
सवाल – उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी समस्या क्या मानते हैं ?
जबाब- उत्तराखंड में उद्योग नहीं है जिस कारण वहां पलायन जारी है उत्तराखंड में रोजगार की बहुत आवश्यकता है।
सवाल- कांग्रेस को भी उत्तराखंड में दो बार सरकार चलाने का मौका मिला पलायन को लेकर क्या कर पायी आप की सरकार?
जबाब- मै पहले ही कह चुका हूं उत्तराखंड में पलायन रोकना बहुत जरूरी है इसके लिए मैं पहले भी प्रयासरत था आगे भी प्रयासरत रहूंगा सरकार किसी भी दल की हो पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए काम करना बहुत आवश्यक है।

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