‘दावेदारी’ से पहले बहुगुणा का सियासी ‘डिनर’

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की दावत में भाजपा नेताओं का जमघट,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र समेत कई मंत्री,विधायक भी हुए शामिल

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देहरादून। मिशन 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को बल देते हुए उत्तराखंड की सियासत में भूचाल मचा चुके पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी अचानक चुनावी मोड में आ गये है। गत रात्रि राजधानी देहरादून के एक आलीशान होटल में भाजपा नेताओं को दिया गया डिनर सियासी चर्चाओं का केंद्र बन गया है। यह महज दावत थी या लोकसभा चुनाव के लिये कदवर विजय बहुगुणा का सियासी गुणा-भाग इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। लोकसभा चुनाव की सुगबुगहाट के बीच विजय बहुगुणा के इस डिनर के पीछे उनकी चुनाव में संभावित दावेदारी ही बतायी जा रही है। जिस प्रकार विजय बहुगुणा के एक निमंत्रण पर लगभग सत्तासीन अधिकांश नेताओं का झमघट होटल में लगा हुआ था उससे विजय बहुगुणा के प्रति सहानुभूति बढ़ने की संभावना है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस डिनर में शिरकत करने पहुंच गये। दरअसल जब से डिनर के आयोजन की बात सामने आई तब से भाजपा की सियासत में गर्मी पैदा हो गई है। विजय बहुगुणा टिहरी लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा ने टिहरी व अल्मोड़ा लोकसभा सीट को सुनिश्चित जीत वाली सीट की श्रेणी में नहीं रखा है ऐसे में कयास लग रहे हैं कि टिहरी की मौजूदा सांसद माला राज लक्ष्मी शाह को मैनेज कर टिहरी से विजय बहुगुणा को टिकट दिया जा सकता है। विजय बहुगुणा ने हालांकि अब तक खुलकर टिकट के लिए दावेदारी नहीं की है लेकिन पार्टी के टिकट देने पर लड़ने से इनकार भी नहीं किया है। उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार का तख्ता पलट करने के लिये बहुगुणा पहले ही नेताओं को एकजुट करके अपनी सियासी ताकत का एहसास भी करा चुके है। माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी सक्रियता से भाजपा के पुराने नेताओं में पनप रहे असंतोष को दूर करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि जिस तरह उन्होंने टिहरी लोकसभा क्षेत्र के देहरादून के छह विधायकों व नगर निगम क्षेत्र के पार्षदों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया उसका उद्देश्य चुनाव से पहले जमीनी नेताओं को एकजुट कर चुनाव के लिये लॉबिंग शुरू की जाये ताकि बाद में विरोध के स्वर न उठें,साथ ही यह नाराजगी दूर करने की कोशिश है कि चुनाव के वक्त वो ये न कह सकें कि विजय बहुगुणा बाहरी हैं। वहीं विजय बहुगुणा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि वह भाजपा को मजबूत करने लिये हमेशा सक्रिय रहेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस में वापसी का सवाल ही उठता, कांग्रेस के कई नेता उनके सम्पर्क में रहते है। लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में पूछे प्रश्न पर पूर्व सीएम ने कहा कि राज नीति में विकल्प हमेशा ऽुले रहते हैं। मैं यह भी नहीं कहूंगा लड़ रहा हूं और ये भी नहीं कि लडूंगा। चुनाव किसे और कहां से लड़ाना है, ये तो पार्टी आलाक मान तय करता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तराऽंड में लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा का परचम लहराएगा। यहां की पांचों सीटें भाजपा ही जीतेगी।

डिनर में नहीं पहुंची सांसद माला

देहरादून। डिनर में न बुलाए जाने को लेकर प्रदेश के तमाम भाजपा नेताओं में भी खलबली सी मची रही। कई नेताओं ने बकायदा विजय बहुगुणा को फोन कर जानकारी ली तो उन्होंने प्रदेश के सभी मंत्रियों और सांसदों को भी न्यौता दे दिया। दरअसल कई वरिष्ठ नेताओं को उनके डिनर की जानकारी नहीं मिली। हालांकि दिन में पूर्व सीएम बहुगुणा नेे कहा था कि उन्होंने दून नगर निगम चुनाव में प्रचार किया था। सभी जीते पार्षद उन्हें जानते हैं लेकिन वह सभी से अच्छी तरह परिचित नहीं हैं। उन्होंने तो सांसदों व सभी मंत्रियों को भी नहीं बुलाया। देहरादून के कुछ ही स्थानीय विधायकों को बुलाया गया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें दिन में लंच के लिए न्यौता दिया था इसलिए उन्होंने उन्हें डिनर पर बुला लिया। बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम के डिनर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, सहदेव पुंडीर, मुन्ना सिंह चौहान , मेयर सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, अनिल गोयल व भाजपा के देहरादून नगर निगम के करीब अस्सी फीसद पार्षद शामिल हुए। वहीं दूसरी तरफ मौजूदा सांसद राज लक्ष्मी शाह विजय बहुगुणा की ओर से आयोजित डिनर में शामिल नहीं हुई। हालांकि जब माला राज लक्ष्मी शाह से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने साफ कहा था कि उन्हें डिनर को लेकर कोई जानकारी नहीं है और उन्हें न्यौता नहीं मिला है। बहरहाल बात बढ़ने पर विजय बहुगुणा की ओर से तमाम सांसदों के साथ माला राज लक्ष्मी शाह को भी न्यौता दे दिया गया था।

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