मौसम की अनदेखी और लापरवाही से बार-बार हो रहे हेलिकॉप्टर क्रैश
चारधाम यात्रा के दौरान केदारघाटी में अब तक हुए छह हेलिकॉप्टर क्रैश 38 की गई जान
रूद्रप्रयाग। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हो रहे हेलीकॉप्टर हादसों से कई लोंगों की जान जा चुकी है। जून 2013 से लेकर अभी तक 12 साल में केदारनाथ क्षेत्र में छह हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं और 38 की जान जा चुकी है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी क्षेत्र पूरा संकरी घाटी, घने जंगल और तीन तरफा ऊंची पहाड़ी है। इसी क्षेत्र से हेलिकॉप्टर उड़ान भरते हैं। यहां कब अचानक घने बादल और कोहरा छा जाए यह कहना मुश्किल है। इन हालातों में हेलिकॉप्टर सेवा का संचालन हमेशा से ही संवेदनशील रहता है। हिमालयी क्षेत्र में मौसम की अनदेखी कर हेली सेवा का संचालन करने से भी यात्रियों को हादसों का शिकार होना पड़ता है। हांलाकि कई बार लापरवाही और तकनीकी खराबी से भी हादसे हो चुके है। प्रदेश सरकार को हेली सेवाओं के लिए यात्रियों की क्षमता रूटों का निर्धारण और सुरक्षा के मानक तय करने होंगे जिससे हादसें पर अंकुश लगे। बीते एक दशक में केदारनाथ क्षेत्र में जितने बड़े हेलिकॉप्टर हादसे हुए हैं, उनकी प्रमुख वजह खराब मौसम ही रहा है। बावजूद मौसम के पुख्ता जानकारी के लिए आज तक यहां कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। तमाम दावों के बाद भी वेदर वार्निंग सिस्टम स्थापित नहीं होने से बार-बार इस तरह के हादसे हो रहे हैं। रविवार 15 जून 2025 को गौरी माई खर्क में हेलिकॉप्टर हादसे से पूर्व 8 मई को हर्षिल जा रहा एक निजी हेलिकॉप्टर गंगनानी के समीप जंगल में क्रैश हो गया था। इस हादसे में पायलट सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 11 मई को बदरीनाथ धाम में क्रिस्टल कंपनी का हेलिकॉप्टर हेलिपैड पर रपट गया था। 17 मई को एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस संजीवनी ने केदारनाथ हेलिपैड से पहले ही इमरजेंसी लैंडिंग की, इस दौरान हेलिकॉप्टर का टेल रोटर भी क्षतिग्रस्त हो गया था। बीते 7 जून को बडासू में क्रिस्टल कंपनी के हेलिकॉप्टर ने टेकऑप करते हुए रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग की थी। 6 मई 2023 को केदारनाथ हेलिपैड के समीप, 24 मई 2024 को केदारनाथ हेलिपैड से पहले, 17 मई 2025 को एम्स की हेली एंबुलेंस की केदारनाथ हेलिपैड से कुछ पहले इमरजेंसी लैंडिंग हुई। इस दौरान हेलिकॉप्टर का रोटर टेल भी टूटा था। 7 जून 2025 को बडासू में रुद्रप्रयाग- गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई। केदारनाथ क्षेत्र में हो चुके हेलिकॉप्टर हादसे: 21 जून 2013 को केदारनाथ से लौटते समय जंगलचट्टी की पहाड़ी से टकराने से एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट की मौत हो गई थी। 24 जून को केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहे हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से पायलट और इंजीनियर की हुई मौत। 25 जून 2013 को केदारनाथ से लौटते समय गौरीकुंड की पहाड़ियों पर सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर टकराकर क्रैश हो गया था, जिससे 20 सैन्य अधिकारी व जवान बलिदान हो गये थे। 18 अक्तूबर 2022 को छह यात्रियों को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी-मस्ता लौट रहा आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर कोहरे के कारण पहाड़ी से टकराने से हुआ क्रैश। पायलट सहित 7 लोगों की मौत हुई थी। 23 अप्रैल 2023 को केदारनाथ हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर के टेल रोटर की चपेट में आने से यूकाडा के वित्त अधिकारी की हुई थी मौत। अब 15 जून 2025 को गौरी माई खर्क में हेलिकॉप्टर क्रैश होने से पायलट सहित सात लोगों की मौत हुई।