आईजी ने किया नशा मुक्ति केन्द्र का औचक निरीक्षण
काशीपुर । पुलिस महानिरीक्षक, कुमायूँ परिक्षेत्र श्रीमती रिधिम अग्रवाल द्वारा थाना कुण्डा क्षेत्रान्तर्गत फ्जीवन दान नशा मुक्ति केन्द्र बैलजूडीय् का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। इस दौरान अनेक खामियां सामने आने पर जहां संचालक को कड़ी फटकार लगाई वहीं कई दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर संचालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दिए। आईजी ने मौके पर पुलिस अधीक्षक काशीपुर, सीएमएस राजीव चौहान, प्रभारी निरीक्षक कुण्डा को बुलाकर अपूर्ण दस्तावेजों व डीवीआर को अपने कब्जे में लिया।निरीक्षण के दौरान पाया गया नशा मुक्ति केन्द्र मे कोई कुक नियुक्त नहीं है भर्ती मरीजों द्वारा स्वयं ही केन्द्र में भोजन व्यवस्था की जा रही थी । भोजन की मॉंग करने पर मरीजों के साथ टार्चर किया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान नशा मुक्ति केन्द्र में कई खामियां पायी गई। निरीक्षण के समय जीवन दान नशा मुक्ति केन्द्र बैलजूडी काशीपुर में 20 व्यक्ति उपचाराधीन है जबकि केन्द्र की क्षमता अधिकतम 12 मरीजो तक की है। केन्द्र में उपचाराधीन व्यक्तियों की रहने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध नही है, उपचाराधीन व्यक्तियो के सोने के लिये एक हॉल के फर्श में बिस्तर लगाये गये थे, हॉल के पास में 02 बाथरूम उपलब्ध है, जिनकी साफ सफाई व रखरखाव संतोषजनक नही पाया गया। नशा मुक्ति केन्द्र के हॉल में वेन्टीलेशन की समुचित व्यवस्था नही है। नशा मुक्ति केन्द्र के किचन में साफ-सफाई एवं बर्तनो का रखरखाव संतोषजनक नही था। उपचाराधीन व्यक्तियो की भोजन व्यवस्था हेतु अलग से कुक की कोई व्यवस्था उपलब्ध नही थी तथा उपचाराधीन व्यक्तियो में से ही 02 व्यक्तियों के द्वारा भोजन बनाया जा रहा था। उपचाराधीन व्यक्तियों के द्वारा केन्द्र संचालक को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में कहे जाने पर केन्द्र संचालक द्वारा दुर्व्यवहार /अभद्र व्यवहार किया जाना बताया गया। नशा मुक्ति केन्द्र में नशे की लत से ग्रसित उपचाराधीन व्यक्तियों को नशा छुडवाने हेतु कोई भी प्रशिक्षित चिकित्सक/ काउंसलर/ सामाजिक कार्यकर्ता नियुक्त नहीं है। मरीज को भर्ती एवं डिस्चार्ज करते समय प्रशिक्षित मनोचिकित्सक की परीक्षण से नहीं बल्कि परिवार के द्वारा लिखवाई गयी समस्या के आधार पर भर्ती करवाया गया है और साथ ही केन्द्र में उपचार के नाम पर केवल उनका रक्त चाप और शुगर मापा जा रहा है। नशा मुक्ति केन्द्र में उपचाराधीन व्यक्तियों के उपचार हेतु नियुक्त चिकित्सक द्वारा किसी अन्य चिकित्सक के लेटर हैड पर उपचार करना पाया गया। आईजी द्वारा अभिलेखों के अवलोकन करने पाया गया कि चिकित्सक द्वारा माह में केवल 02 बार ही केन्द्र का भ्रमण किया गया है जबकि सप्ताह में 1 बार किया जाना चाहिए। एक मरीज का स्वास्थ खराब होने पर चिकित्सक को बुलाये जाने पर पता चला कि चिकित्सक हल्द्वानी में है जो अनुपस्थित थे। नियुक्त चिकित्सक के अवकाश/अनुपस्थित होने पर अन्य किसी चिकित्सक से टायप नहीं किया गया है जिसका सीधा मतलब है कि केन्द्र द्वारा उपचाराधीन मरीजों के स्वास्थ से खिलवाड किया जा रहा है। नशा मुक्ति केन्द्र में सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध नही है। नशा मुक्ति केन्द्र में उक्त कमियां पाये जाने पर 1.5 घंटे निरीक्षण करने के उपरान्त पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस अधीक्षक काशीपुर, सीएमएस राजीव चौहान व प्रभारी निरीक्षक थाना कुण्डा केन्द्र पर उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया। उनके द्वारा नशा मुक्ति केन्द्र में पायी गयी कमियों के सम्बन्ध में निरीक्षण आख्या तैयार कर मरीजो के उपचार सम्बन्धित दस्तावेज नशा मुक्ति रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट, मरीजों के एडमीशन/ डिस्चार्ज रजिस्टर /डीवीआर व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिये गये। मौके पर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा उपचाराधीन मरीजों से वार्ता के दौरान उनमें से कई के द्वारा लिवर, किडनी व फेफड़ों सम्बन्धी समस्या भी होना बताया गया। जिनके ईलाज हेतु केन्द्र में कोई भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध नही है। पारिवारिक विवाद के चलते नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराने वाले मरीजों व उनके परिजनों की काउन्सलिंग हेतु भी केन्द्र द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी है। मौके पर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि आगामी 15 दिवस में सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए समस्त थाना/ चौकी क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले नशा मुक्ति केन्द्रो का निरीक्षण किया जाये। इस सम्बन्ध में लापरवाही बरतने वाले थाना/ चौकी प्रभारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी तथा साथ ही मात्र पारिवारिक विवाद के दृष्टिगत भर्ती कराये गये उपचाराधीन व्यक्तियों के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक काशीपुर को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु आदेशित किया गया कि उपचाराधीन मरीजों का मेडिकल बोर्ड से सही प्रकार मेडिकल परीक्षण कराते हुए इनकी समस्याओं का समाधान किया जाय हो तथा केन्द्र संचालक द्वारा बरती गयी लापरवाही के सम्बन्ध में वैधानिक कार्यावाही करने के निर्देश भी दिये गये।